प्रोफेसर दिनेश मोहन: एक रेडिकल, वैज्ञानिक और अनवरत शिक्षक

[To read a slightly edited version in English, please click here] प्रोफेसर दिनेश मोहन, हमारे डीएम सर, ने सुबह आखिरी सांस ली. देश-दुनिया में कितने ही लोग, ताकतवर और मजलूम सभी, उनको जानते थे. लेकिन सुबह की खबर के बाद से सोचता जाता हूँ कि...

‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास: गणतंत्र के और भी सत्ता-केन्द्रित हो जाने का जोखिम

साल 2008 में दुनिया में आई आर्थिक मंदी के केंद्र में थीं चंद वित्तीय बैंक कम्पनियाँ। इनमें से ही एक बड़ी कम्पनी थी मेरिल लिंच। जब एक तरफ भीषण मंदी जारी ही थी तो दूसरी तरफ मेरिल लिंच के सीईओ जॉन थेन अपने ऑफिस की...

शहरी खेती पर बुकलेट शृंखला | Booklet Series on Urban Agriculture

शहरी खेती पर हमें चिंतन और चर्चा करते हुए कई साल हो गए। इतने सालों में तमाम चर्चाओं और अलग-अलग समूहों से बात करके हमने ये जाना कि शहरों में खेती करने वाले तो एक अच्छी तादाद में हैं लेकिन व्यवस्थित तौर से इसकी भूमिका...

दिल्ली का खाना कहाँ से आता है

दिल्ली का खाना कहाँ से आता है: दिल्ली में शहरी खेती और भोजन तंत्र का रिश्ता To read this booklet in English, please click here. यूं तो दिल्ली आधिकारिक रूप से एक गैर कृषि क्षेत्र के रूप में घोषित है | किन्तु यह स्थिति हमेशा...

यमुना के कछार पर खेती की गतिविधियाँ

To read this booklet in English, please click here. पल्ला गाँव से दिल्ली को यमुना का साथ मिलता है | पल्ला गाँव से लेकर बुराड़ी तक देहात का इलाका है और पुश्ता के दोनों तरफ खेती होती है | पुश्ता के भीतर की जमीन यानि...

दिल्ली में शहरी खेती की रूह हैं महिलाएँ

To read this booklet in English, please click here. “..महिलाएँ ही थीं जिन्होंने टोकरियों की बुनाई करके और मिट्टी के बर्तन गढ़कर सबसे पहले कंटेनर बनाए… खेती और घरेलू विकास के इस लम्बे समयकाल के बिना भोजन और श्रमशक्ति इतने आधिक्य में उपलब्ध नहीं हो...

दिल्ली में शहरी खेती का सन्दर्भ

शहर में खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों का आधुनिक शहरी अवधारणा में कोई कानूनी और नीतिगत स्थान नहीं है। इसीलिए शहरीकरण के दौरान इसे बाहर करके कानूनन बंदिश लगा दी जाती है। दिल्ली में इस अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण...

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