परिदृश्य से अदृश्य होती खेती

परिदृश्य से अदृश्य होती खेती: दिल्ली में शहरी खेती पर एक अध्ययन इस किताब का सार-संक्षेप हिंदी में आप यहाँ पढ़ सकते हैं: सार-संक्षिप्त: दिल्ली में शहरी खेती  सामने से दिल्ली का एक चेहरा दिखता है। लेकिन इस शहर को परत-दर-परत उधेड़ने पर कई और...

लोकतंत्र और विकास का वर्तमान परिदृश्य

आज झारखण्ड की सरकार देश और दुनिया के पूंजीपतियों के लिए “मोमेंटम झारखण्ड” का मेला लगाती है जहां झारखण्ड के संसाधानों की लूट के लिए बोली लगवाई जाती है। जो लोग इसके खिलाफ़ आवाज उठाते हैं उन्हें राष्ट्रद्रोही घोषित करके जेलों में बंद कर दिया जाता है। दूसरी ओर आदिवासियों के लिए सुरक्षा कवच बने कानूनों को भी पूंजीनिवेश के नाम पर पूंजीपतियों के हित में बदला जा रहा है।

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