‘सेंट्रल विस्टा’ पुनर्विकास: गणतंत्र के और भी सत्ता-केन्द्रित हो जाने का जोखिम

साल 2008 में दुनिया में आई आर्थिक मंदी के केंद्र में थीं चंद वित्तीय बैंक कम्पनियाँ। इनमें से ही एक बड़ी कम्पनी थी मेरिल लिंच। जब एक तरफ भीषण मंदी जारी ही थी तो दूसरी तरफ मेरिल लिंच के सीईओ जॉन थेन अपने ऑफिस की...

लोकतंत्र और विकास का वर्तमान परिदृश्य

आज झारखण्ड की सरकार देश और दुनिया के पूंजीपतियों के लिए “मोमेंटम झारखण्ड” का मेला लगाती है जहां झारखण्ड के संसाधानों की लूट के लिए बोली लगवाई जाती है। जो लोग इसके खिलाफ़ आवाज उठाते हैं उन्हें राष्ट्रद्रोही घोषित करके जेलों में बंद कर दिया जाता है। दूसरी ओर आदिवासियों के लिए सुरक्षा कवच बने कानूनों को भी पूंजीनिवेश के नाम पर पूंजीपतियों के हित में बदला जा रहा है।

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