लोकतंत्र और विकास का वर्तमान परिदृश्य

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आज झारखण्ड की सरकार देश और दुनिया के पूंजीपतियों के लिए “मोमेंटम झारखण्ड” का मेला लगाती है जहां झारखण्ड के संसाधानों की लूट के लिए बोली लगवाई जाती है। जो लोग इसके खिलाफ़ आवाज उठाते हैं उन्हें राष्ट्रद्रोही घोषित करके जेलों में बंद कर दिया जाता है। दूसरी ओर आदिवासियों के लिए सुरक्षा कवच बने कानूनों को भी पूंजीनिवेश के नाम पर पूंजीपतियों के हित में बदला जा रहा है।

चौथे “मोमेंटम झारखण्ड“ के लिए पूरे राज्य के साथ-साथ देश के कई दूसरे इलाकों में ऐसा प्रचार प्रसार किया गया, मानो इससे झारखण्ड के जन-समुदाय का कायाकल्प होने वाला है । समिट में अदानी ग्रुप ने गोड्डा में 1600 मेगावाट कोयला आधाारित अल्ट्रामेगा-सुपर क्रिटीकल पॉवरप्लांट और साहेबगंज में गंगा नदी पर पोर्ट स्थापित करने की घोषणा की। झारखण्ड में लगाई जा रही अदानी की दोनों परियोजनाओं से स्थानीय समुदायों को रत्तीभर भी फ़ायदा नहीं है, जबकि दोनों परियोजनाएं उन्हीं की धरती पर और उनके ही संसाधनों पर कब्जा कर लगाई जा रही हैं। ये दोनों परियोजनाएं वैश्विक स्तर पर निगमीकरण का हिस्सा हैं जिनमें स्थानीय और दूसरे मुल्कों के संसाधनों का दोहन होगा और कॉर्पोरेट को फ़ायदा ही फ़ायदा।

 

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